जनकसुता हरि दास कहावो, ताकी शपथ विलम्ब न लावो । भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »इस चालीसा को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥ क्या चलते-फिरते हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं? https://paxtonfgatj.develop-blog.com/39586457/a-review-of-hanuman-mantra